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BR Ambedkar Death Anniversary 2023: डॉ बीआर आंबेडकर स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री, वकील, राजनीतिज्ञ थें. आज भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है।
डॉ. अंबेडकर का मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुआ था, और इसे “महापरिनिर्वाण दिवस” कहा जाता है। 1990 में मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
उनकी आखिरी दिनों में उन्होंने विचारशीलता, धर्म, और समाज में सुधार के प्रति अपनी गहरी समर्पण भावना को बनाए रखा। उनके द्वारा लिखी गई “द बुद्धा एंड हिज धर्म” उनकी आख़िरी रचना थी जो उन्होंने अपने जीवन के आखिरी दिनों में की थी।
डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए हम सभी को उनके आदर्शों और सिद्धांतों का अनुसरण करके समाज में समर्पित और समृद्धि शील भारत की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए।
डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की पुण्यतिथि को श्रद्धांजलि और सम्मान से याद किया जाता है। डॉ. आंबेडकर, भारतीय संविधान के मुख्य रचनाकार और भारतीय समाज में सामाजिक न्याय, समानता और विकास के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उनकी मृत्यु ने भारतीय समाज को एक नई दिशा में प्रेरित किया और उनकी विचारशीलता और सोच ने समाज में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया।
Dr. Baba Saheb Ambedkar Quotes In Hindi 2023: डॉ भीमराव अंबेडकर के विचार
धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।
डॉ. आंबेडकर के विचार और उनके योजनाएं युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक असमानता के खिलाफ उठे, और उनका यह मिशन सामाजिक न्याय और समानता की प्राप्ति के लिए था। उनका विचारशीलता और विदेशी शिक्षा प्राप्त करने के उनके संघर्षों ने उन्हें एक महान नेता बना दिया, और उनके कार्यों ने एक नए और समृद्धि शील भारत की दिशा में सहारा दिया।
हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है.
जो कौम अपना इतिहास तक नहीं जानती है,
वे कौम कभी अपना इतिहास भी नहीं बना सकती है.
जीवन लंबा होने की बजाए
महान होना चाहिए.
उदासीनता एक ऐसे किस्म की बीमारी है
जो किसी को प्रभावित कर सकती है.
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए.
बुद्धि का विकास मानव के
अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.
युवा पीढ़ी को इस मौके पर डॉ. आंबेडकर के जीवन और उनके विचारों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। डॉ. आंबेडकर के उदाहरण ने दिखाया है कि संघर्ष, शिक्षा, और समर्पण से ही व्यक्ति समाज में परिवर्तन ला सकता है। डॉ अंबेडकर जी की पुण्यतिथि (महापरिनिर्वाण दिवस) पर हम आपके लिए अनमोल विचार लेकर आए हैं जो आज भी लोगो को प्रेरणा देते हैं।
Dr. Baba Saheb Bhimrao Ambedkar Quotes Ke Anmol Vichar
हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं.
महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है.
भाग्य में विश्वास रखने के बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए.
समानता एक कल्पना हो सकती है,
लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा.
पति-पत्नी के बीच का संबंध घनिष्ठ मित्रों के संबंध के समान होना चाहिए.
ज्ञान
हर व्यक्ति के जीवन का आधार है.
इस दिन को महत्वपूर्ण बनाए रखकर, हम सभी डॉ. आंबेडकर के योगदान को समझने और उनके सिद्धांतों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं, ताकि हम समृद्धि, सामाजिक न्याय, और समानता की दिशा में अग्रसर हो सकें।
हिंदू कोड बिल पर इस्तीफा
सन् 1951 में उन्होंने ‘हिंदू कोड बिल’ संसद में पेश किया। डॉ. आंबेडकर का मानना था कि सही मायने में प्रजातंत्र तब आएगा जब महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा और उन्हें पुरुषों के समान अधिकार दिए जाएंगे। संसद में अपने हिन्दू कोड बिल मसौदे को रोके जाने के बाद अंबेडकर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
मो. परवेज अंसारी गिरिडीह, झारखंड से है इन्होने NIT Jamshedpur से B.Tech (CSE) की पढाई पूरी की, वह 2018 से जाति-विरोधी, सामाजिक न्याय, विस्थापन, पूंजीपतियों द्वारा शोषण, शिक्षा का अधिकार, रोजगार और 1932 खतियान के आंदोलन से जुड़े एक सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता हैं।