poetry

Gulzar Poetry: ज़ख़्म दिल का गहना है. गुलज़ार का चुनिंदा शेर

Md Parvej Ansari

20 October 2023

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे..

Gulzar  POETRY

ज़ख़्म कहते हैं दिल का गहना है  दर्द दिल का लिबास होता है 

कोई ख़ामोश ज़ख्म लगती है, ज़िंदगी एक नज़्म लगती है... 

Jazbat poetry

आप के बा'द हर घड़ी हमने, आप के साथ ही गुजारी है… 

गुलज़ार  शायरी

अपने साए से चौंक जाते हैं, उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा. 

गुलज़ार  शायरी

तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं, सज़ाएं भेज दो हम ने ख़ताएं भेजी हैं.. 

ख़्वाब  शायरी

एक सन्नाटा दबे-पाँव गया हो जैसे  दिल से इक ख़ौफ़ सा गुज़रा है बिछड़ जाने का...

सन्नाटा शायरी

वो उम्र कम कर रहा था मेरी  मैं साल अपने बढ़ा रहा था  

गुलज़ार शायरी