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आइए आज जानते हैं समाज के एक ऐसे शक्स को जिन्होंने अपने हिम्मत और हौसले से समाज को एक नई दिशा देने के लिए हर समय खड़े रहते हैं। बता दें कि डॉ. सलीम अंसारी बगोदर विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट चुके हैं। डॉक्टर साहब कि पत्नी साजदा खातून फ़िलहाल बिरनी के मध्य भाग से जिला परिषद सदस्य हैं।
हम बात कर रहे हैं डॉ. सलीम अंसारी साहब का जिनका जन्म झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के एक छोटे से गांव कुबरी मे हुआ जो बगोदर विधानसभा अंतर्गत आता है।
प्राथमिक शिक्षा के बाद वो कोलकाता चले गए, वहाँ उन्होंने चिकित्सक की पढाई पूरी की और फिर वापस गाँव आ गए।
यहाँ इन्होंने देखा की गरीबों के बेहतर इलाज के लिए किसी प्रकार की सुविधा ही नही है जिससे उन्होंने ठाना की अब पूरी जिंदगी यहाँ के लोगो को सेवा देना ही मेरा धर्म है और राजधनवार के कोड़ाडीह स्थित अंसारी क्लिनिक (Ansari Clinic) में सेवा देना शुरू किए।
और आज 30 सालो से वो गरीबो पिछड़ों और अपने समाज के लिए एक बेहतर चिकित्सक के रूप मे वो दिन रात सेवा दे रहे है। गिरिडीह के हर कोने कोने मे इनका नाम बेहतर चिकित्सकों मे आता है। जो गरीबो के लिए हर समय खड़े रहते हैं।
जब हमारी टीम ने इनसे मुलाकात की तो उन्होंने बताया की वो जिस विधानसभा से आते हैं वहाँ आजादी के 76 साल के बाद भी बेहतर शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य की सुविधा और पलायन की गंभीर हालत आज भी बनी हुई है। जिसके कारण डॉ. सलीम अंसारी (Dr. Salim Ansari) हमेशा चिंतित रहते हैं।
हमारे टीम से बात करते हुए उन्होंने बताया की ये स्तिथि सिर्फ बगोदर विधानसभा की नही बल्की पूरे झारखंड राज्य की है और आर्य, मुगल के बाद अंग्रेजों ने हमारे खनिजों को लुटा और अब हमारे देश के पूंजी पति लोग हमारे झारखंड राज्य को लूट रहे हैं।
उन्होंने इस गंभीर हालत का कारण सिर्फ और सिर्फ पिछड़े और मुलवासी को आज़ादी के बाद भी सत्ता से वंचित् रहने का कारण बताया। उन्होंने बताया की बगोदर विधानसभा मे सबसे जादा बेरोजगारी और रोजगार की कमी है।
जब हमारी टीम ने डॉ. सलीम अंसारी की बातो को सच जानने के लिए बगोदर की बीहड़ गाँव मे गए तो पुरा गाँव खाली पड़ा था। हमने बगोदर के 90% गाँव का हाल यही देखा यहाँ के 95% पुरुष बाहर रोजगार के लिए पलायन करते हैं।
डॉ. सलीम अंसारी जी ने कहाँ की बगोदर विधानसभा मे 30 सालों से एक विशेष पार्टी का राज कायम है और वो पिछड़ों और मजदूरों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ यहाँ सालों से इनपर राज करते आ रहे हैं और अगर इस राज को बदला नही गया तो इससे भी खराब हालत यहाँ दिन ब दिन हो जायेगी। अब समय है की यहाँ के मुलवासी और पिछड़े, मजदूरों को इनके बहकावे मे आना बंद कर दे और अपने हक अधिकार की बात करे।
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मो. परवेज अंसारी गिरिडीह, झारखंड से है इन्होने NIT Jamshedpur से B.Tech (CSE) की पढाई पूरी की, वह 2018 से जाति-विरोधी, सामाजिक न्याय, विस्थापन, पूंजीपतियों द्वारा शोषण, शिक्षा का अधिकार, रोजगार और 1932 खतियान के आंदोलन से जुड़े एक सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता हैं।
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Dr Salim Ansari not a individual name or socialist it’s a revolution for bagodar constituency