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Twitter Trend Updates: स्वाति मिश्र नाम की एक महिला जो समाजसेवी और सोशल एक्टिविस्ट है. स्वाति मिश्रा महिलायों की उत्पीडन की एक आवाज है, और जातिवाद के खिलाफ भी हमेशा उठाने का काम ईमानदारी से करती है, स्वाति मिश्रा जो लगातार महिलाओं के मुद्दों पर सरकार से सवाल करते नजर आती है. अपने ट्विटर प्रोफाइल में एक विचार है “यहां लिखी बातें मेरे अपने विचार हैं. इसका किसी और व्यक्ति या संस्थान से कोई लेना-देना नहीं है.”
ट्विटर पर एक सनसनी ख़बर पोस्ट करती है :
जानते है क्या है ट्विट, पर सवाल है आज भी देश में ऐसे मुद्दे को क्यों दबा दिया जाता है
वो उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक दलित लड़का आयुष मंदिर गया. उसे मंदिर में जलती लकड़ियों से पीटा गया. जयवीर सिंह, भग्यान सिंह, चैन सिंह, ईश्वर सिंह और आशीष सिंह के खिलाफ केस हुआ है. समाज में भले कितना भी जातिवाद और जातिगत शोषण हो, लेकिन ट्विटर पर लोग कहते हैं कहां है भेदभाव.
वही एक चन्दन नाम के यूजर ने कमेंट्स किया,
“जातिवाद शोषण के खिलाफ जब आप लोग बोलते हो तब इसका प्रभाव समाज में अच्छा पड़ता है”.
सुनील शांडिल्य नाम के एक यूजर ने कमेंट किया है
“सिंह कौन सा सिंह दलित वाला सिंह थे या सवर्ण वाला पूरी जानकारी बताओ पता चले बाद में कांग्रेस में जैसे आजकल एक संदीप सिंह हो जो कल बताए दो दलित है वो वाले तो नही है क्योंकि सिंह तो कोई भी लिख सकता है”.
समून पाशा प्रधान जी नाम के यूजर ने लिखा है
“पहली बात यह दलित मंदिर में करने का गया था आपको मालूम नहीं है कि मंदिर में सिर्फ हिंदू जाया करते हैं दलित नहीं.”
वहीँ Ashish Pandey ने कहाँ,
“मिश्रा जी, आतंक का नाता किसी कौम से नहीं तो जुर्म का नाता जाति से क्यूं?? एक गुनहगार को उसकी पूरी जाति से जोड़ना भी एक दोगलापन है।
वही Suresh Meghwal – ASP (भीम_आर्मी) ने कहा
“Really me hindu dharm jaatiwadi soch se khatre me hai”
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