दिसंबर में 16 माह के उच्चतम स्तर पर देश में बेरोज़गारी दर पर पहुंची: सीएमआईई

CMIE के आंकड़ों से पता हमे चलता है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर दिसंबर 2022 में बढ़कर 10.09% हो गई, जो पिछले यही 2022 के नवम्बर 8.96% थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.55% से घटकर 7.44% हो गई।


Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE)
दिसंबर में 16 माह के उच्चतम स्तर पर देश में बेरोज़गारी दर पर पहुंची: सीएमआईई

दिसंबर माह में भारत के शहर क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर 10.09 प्रतिशत और भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की बेरोज़गारी दर 7.44 प्रतिशत रही सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी(CMIE) के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा 37.4 प्रतिशत की दर हरियाणा में दर्ज की गई।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर माह में देश के बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी, जबकि यही सितंबर में यह सबसे कम अकड़ा 6.43 प्रतिशत थी. वहीं, अगस्त में यह अकड़ा 8.28 प्रतिशत पर थी, जो इस साल का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है।

सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने क्या कहा ?

महेश व्यास सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी(CMIE) के प्रबंध निदेशक है!

महेश व्यास जो CMIE के प्रबंध निदेशक है उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर में वृद्धि “उतनी बुरी नहीं थी जितनी लग सकती है,” क्योंकि यह श्रम भागीदारी दर में स्वस्थ वृद्धि के शीर्ष पर आई थी, जो यही दिसंबर में 40.48% तक पहुंच गई, जो इस साल के 12 महीनों में सबसे अधिक है।

महेश व्यास रॉयटर्स को बताया, “जो सबसे महत्वपूर्ण बात, रोजगार दर 2022 के दिसंबर में बढ़कर 37.1% हो गई है, जो जनवरी 2022 के बाद से फिर से सबसे अधिक है,”

आकड़ो में विर्धि देश के लिए है घातक

सीएमआईई 2022 आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2022 में बेरोजगारी की दर 8.96 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर 2022 में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी. वहीं, अगस्त 2022 में यह 8.28 प्रतिशत पर थी, जो इस साल का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर था। दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर की अकड़ा बढ़कर 10.09 प्रतिशत हो गई, जबकि नवंबर में यह 8.96 प्रतिशत थी जो दिसंबर माह में उच्चतम स्तर 40.48 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

राज्यों की बात करें तो दिसंबर में सबसे ऊंची 37.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर हरियाणा में थी. उसके बाद राजस्थान (28.5 प्रतिशत), दिल्ली (20.8 प्रतिशत), बिहार (19.1 प्रतिशत) और झारखंड (18 प्रतिशत) का नंबर आता है.

टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने क्या कहा ?

रितुपर्णा चक्रवर्ती जो टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष है उन्होंने CMIE बेरोजगारी की रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए कहा है कि अच्छी खबर और बुरी ख़बर का एक ‘दिलचस्प गुलदस्ता’ है।

रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि जन्म दर और मृत्यु दर और आर्थिक समृद्धि के प्रमुख संकेतकों को देखते हुए भारत के लिए चिंताजनक संभावनाओं में से एक तथ्य यह है कि श्रमबल में हमारी वृद्धि धीमी हो सकती है. कुछ ऐसा ही चीन या यूरोप और अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में हुआ है।

चक्रवर्ती ने कहा कि जनसांख्यिकीय लाभ निकट भविष्य में संभवत: अपने अंतिम सिरे पर पहुंच सकता है.

उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन कितना जरूरी है, तभी हम रोजगार बाजार में समावेशन सुनिश्चित कर सकते हैं.

सीआईईएल एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य नारायण मिश्रा ने रिपोर्ट को लेकर कहा कि “दिसंबर में नए रोजगार के कोई उल्लेखनीय अवसर नहीं बने”.

आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा, ‘सितंबर-दिसंबर के दौरान त्योहारी सीजन की वजह से उपभोक्ता सामान, वाहन और वित्तीय सेवा क्षेत्र में रोजगार के काफी अवसर बने। इनके लिए नियुक्तियां अगस्त-सितंबर में की गईं। मुद्रास्फीतिक दबाव की वजह से निर्माण, इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाए हैं.’ जिसके कारण देश में बेरोजगारी बढ़ने की संभावना है।


  • क्या आपको ये वाह वाह यार की रिपोर्ट पसंद आई? हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं. हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिएआर्थिक मददकरें और हमे झारखंड के प्रखंड और जिले से भी ख़बर भेज सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *