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झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS) अपने संगठन/पार्टी का विस्तार कर रहा है जो अच्छी बात है पहले दो पिछड़ी जातियों से युवा चेहरा संजय मेहता (कुशवाहा) और मनोज यादव (अहीर) को JBKSS में शामिल किया है। अब एक मुस्लिम युवा चेहरा फरजान खान को शामिल किया है जिसको लेकर संगठन पर प्रश्न उठ रहे है।

1. फरजान खान अगड़े – सवर्ण मुस्लिम है EWS कैटेगरी वाला। खान पठान जाति की आबादी झारखंड में कुल मुस्लिमों में 1 या 2 प्रतिशत भी मुश्किल से नहीं होगी।
2. फरजान खान का भाषा खतियान आंदोलन में कोई मुख्य भूमिका अब तक नहीं रही है।
3. फरजान खान को JBKSS का महासचिव बनाया गया है ऐसे अहम पद पर उसको बैठाने से पहले उसकी योग्यता और नेतृत्व शक्ति की जांच करनी चाहिए।
4. फरजान खान को केवल इसलिए महासचिव बनाया गया कि वो टाइगर जयराम महतो के मित्र है साथ साथ घूमते है या फिर JBKSS को स्पॉन्सर्ड करते है जो बिल्कुल ठीक नहीं है।
5. झारखंड में कुल मुसलमानों में अंसारी/मोमिन/जोल्हा की आबादी 90 प्रतिशत से ज्यादा है। जोल्हा समुदाय ओबीसी वर्ग (पिछड़ी जाति) में शामिल है यानि मुस्लिम राजनीति यहां असल में जोल्हा राजनिति है। कई विधानसभा में जोल्हा वोटर निर्णायक भूमिका में है जो जीत हार का निर्णय करते है जोल्हा जाति मूलनिवासी खतियानी हैं इस समुदाय/जाति/बिरादरी के युवा चेहरा को आगे न लाकर किसी दूसरे जाति के चेहरे को लाना अपने आप में JBKSS और Tiger Jairam Mahato के राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।
6. ख़तियानी जोल्हा परिषद मांग करती है कि फरजान खान को महासचिव पद से मुक्त कर किसी जोल्हा/अंसारी पिछड़ी जाति के युवा को JBKSS का महासचिव बनाया जाए नहीं तो खतियानी जोल्हा परिषद आगे Tiger Jairam Mahato -क्रांतिकारी और JBKSS पार्टी का किसी भी तरह से समर्थन नहीं करेगी। झारखंड में जोल्हा समुदाय जो लगभग मुस्लिमों में 42- 45 लाख अकेले है का विरोध JBKSS के लिए भारी पड़ सकता है।
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Razaul Haq Ansari is a Pasmanda Activist from Deoghar Jharkhand, He works to upliftment for unprivileged lower castes among Muslims [ST, SC and OBC among Muslims]. He is associated with anti-caste and social justice movement since 2018.