शहीद परिवारों को सरकार से गुहार क्यों लगानी पड़ रही है?

रांची दिनांक प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस 1857 की क्रांति में जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना जाता है झारखंड के क्रांतिकारियों की पहचान झारखंड में ही गुमनाम होते चला जा रहा है

शहीद परिवारों को सरकार से गुहार क्यों लगानी पड़ रही है?
  • शहीदों की पहचान आज राष्ट्रीय मानचित्र पर होनी चाहिए
  • “अमृत महोत्सव” “मेरा माटी मेरा देश” तिरंगा यात्रा निकाला तो जाता है लेकिन झारखंड प्रदेश के वीर शहीदों की पहचान मान सम्मान से दूर रखा जा रहा है
  • वीर शहीदों को झारखंड प्रशासन के द्वारा वीर शहीदों एवं उनके परिवार को अपमानित करने का कार्य कर रही है

Ranchi, Jharkhand: इसी विषय को लेकर 1857 स्वतंत्रता संग्राम के नायक शहीद जयमंगल पांडेय के वंशज सचिदानंद पांडेय एवं शहीद शेख भिखारी के परपोती इम्तेशाम अली ने संयुक्त रूप से बताया की जिन शहीदों की पहचान आज राष्ट्रीय मानचित्र पर होनी चाहिए थी आज इन लोगों को चिन्हित करने की आवश्यकता है कुछ क्रांतिकारी परिवार चिन्हित हैं कुछ क्रांतिकारी परिवार चिन्हित नहीं है क्योंकि झारखंड एक बड़ी क्रांति की शुरुआत डोरंडा बटालियन 2 अगस्त 18 57 में शहीद जय मंगल पांडे के नेतृत्व में विद्रोह हुआ था और यह विद्रोह 62 दिनों तक चला जिसमें शहीद जयमंगल पांडे के साथ मुक्ति वाहिनी सेना के अध्यक्ष अमर शहिद ठाकुर विश्वनाथ सहदेव पांडेय गणपत राय सेख भिकारी टिकैत उमराव माधव सिंह चम्मा सिंह राजा अर्जुन सिंह निलम्बर पीतांबर नादिर अली खा जिन्होंने 62 दिनों तक अंग्रेजो से लोहा लिया आज गुमनाम नायकों का कोई भी सम्मान न राज्य सरकार ना केंद्र की सरकार से है।

“अमृत महोत्सव” “मेरा माटी मेरा देश” तिरंगा यात्रा निकाला तो जाता है लेकिन वीर शहीदों की पहचान मान सम्मान से दूर रखा जा रहा है

लगातार आजादी के नाम से “अमृत महोत्सव” “मेरा माटी मेरा देश” तिरंगा यात्रा निकाला तो जा रहा है लोग देश भक्ति से तो प्रेरित है लेकिन वही स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए क्रांतिकारियों और वंशजों की उपेक्षा हो रही है आज भी स्वतंत्रता संग्राम में बलिदानी देने वालो वसजो के परिवार उपेक्षित है उन वीर शहीदों की पहचान मान सम्मान से दूर रखा जा रहा है कई परिवार ऐसे है जिनके नाम से पार्क हॉस्पिटल स्टेडियम यूनिवर्सिटी का नाम तो रखा गया है पर उन वीर शहीदों के परिवार की हालत दैनिये है शहीदों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा भी नही मिला है यहां तक शहिद बिरसा मुंडा जी को भगवान तो बना दिया लेकिन उनके वंशज आज भी दैनिये स्थिति में है।

शहीद परिवारों को सरकार से गुहार क्यों लगानी पड़ रही है?

वीर शहीदों को झारखंड प्रशासन के द्वारा वीर शहीदों एवं उनके परिवार को अपमानित करने का कार्य कर रही है

यहां तक कि आज वीर शहीदों को झारखंड प्रशासन के द्वारा वीर शहीदों एवं उनके परिवार को अपमानित करने का कार्य कर रही है यह मामला ओरमांझी वीर शहीद शेख भिखारी जी से जुड़ा हुआ है और यह अपमान कही से भी स्वीकार्य नहीं है अगर सरकार अपमानित करने वाले अधिकारियों पर नही करती है तो शहीद परिवार के लोग आंदोलन करेंगे। सरकार से अपेक्षा है की शहीदों को सम्मान स्थापित करने के साथ साथ उनके वंशजों का सहयोग करे।

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