ईसाई समुदाय के कार्यकर्ताओं ने कहा देश संविधान से चलता है ना की किसी के एजेंडे से

दिनांक – 24/01/2023 को ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ, धर्मांतरण के मुद्दे पर विशेष चर्चा किया गया।

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ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिया बड़ा बयान
  • क्यों आज देश के ईसाई समाज सडकों पर है?
  • क्यों देश में संविधान विरोधी ताकतों ने ईसाई समाज के साथ लगातार मार पिट हो रही है।

Ranchi, Jharkhand: नवभारत टाइम्स ऑफ इंडिया के News Channel में ” झारखंड बोल Live ” कार्यक्रम में, ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ, धर्मांतरण के मुद्दे पर विशेष चर्चा किया गया। जिसमें मुख्य रुप से ईसाई महासंघ के कुमुदिनी केरकेट्टा, झारखंड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन के केंद्रीय महासचिव संदीप उरांव , JCYA रांची जिला उपाध्यक्ष पंकज तिर्की, Social Activist प्रवीण कच्छप, सामाजिक कार्यकर्ता रंजन सांगा, अनूप नेल्सन खलखो मौजूद रहे एवं सभी वक्ताओं ने अपनी अपनी बातों को बहुत ही गहराई पूर्वक रखा।

ईसाई समुदाय के कार्यकर्ताओं ने कहा देश संविधान से चलता है ना की किसी के एजेंडे से
पंकज तिर्की, प्रवीण कच्छप

क्यों आज देश के ईसाई समाज सडकों पर है?

प्रवीण कच्छप ने कहा कि ईसाई समाज भी चाहता है कि पूरे देश और राज्य में सामाजिक समरसता बनी रहनी चाहिए। क्योंकि यह देश संविधान से चलता है ना की किसी के एजेंडे से। क्योंकि संविधान में समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार ,धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार,संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार, संवैधानिक अधिकारों का अधिकार प्रदान किया गया है। पंकज तिर्की ने कहा कि भारत के भारतीय संविधान में अब मौजूदा सरकार की यह जिम्मेदारी है कि संविधान के मौलिक अधिकार का हनन ना हो, क्योंकि संविधान में मौलिक अधिकार मे भारत की आत्मा बसती है। भारत के हर नागरिक के लिए ,यह बिना जाति धर्म और भेदभाव की लागू होता है।

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रंजन सांगा ने कहा कि जितना देश के विकास में ईसाई समुदाय ने योगदान दिया है, उतना कोई भी समुदाय ने नहीं दिया है ,जो भी लोग धर्मांतरण के नाम पर केवल ईसाईयों को ही बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे यह भूल जाते हैं कि वे लोग भी कभी मिशनरी स्कूलों कॉलेजों में , शिक्षा ग्रहण किए हैं और मिशनरियों को ही बदनाम करते हैं ।

रांची का ख़बर

संदीप उरांव ने कहा कि धर्मांतरण तो लगभग सभी धर्मों में होता रहा है।राजनीतिक पार्टियां भी धर्म के नाम पर राजनीति करना छोड़ दें ,वे इस बात पर ध्यान दें कि कैसे शिक्षा स्वास्थ्य और जनता के मूलभूत सुविधाओं आवश्यकताओं पर काम करे ना कि धर्म के नाम पर विद्वेष फैलाने की ,क्योंकि इसाई समुदाय बहुत ही शांति प्रिय से रहने वाले लोग हैं अन्यथा ऐसा ना हो कि मजबूर होकर पूरे देशभर के विभिन्न राज्यों में ईसाई समुदाय भी बड़ा आंदोलन करने को विवश हो जाये।


अनूप नेल्सन खलखो ने भी कहा कि मांग की जाएगी की ईसाई धर्म के ईसाई आराधनालयो ,और गिरजाघरों में, और सभी, ईसाई धर्मों के, शैक्षणिक संस्थानों के लिए सुरक्षा प्रदान की जाए क्योंकि अभी हाल के दिनों में घटी घटनाओं में छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा के विभिन्न जिलों में धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाकर ईसाई समुदाय के लोगों के साथ में मारपीट किया गया।गिरजाघरों को को तोड़ा गया। इससे ईसाई समुदाय के लोगों में बहुत ही ज्यादा नाराजगी है।

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क्या देश में संविधान विरोधी ताकतों ने ईसाई समाज के साथ लगातार मार पिट हो रही है

रांची में वक्ताओं ने भी विस्तार से अपनी बातों को रखा और कहा कि क्यों सदियों से आदिवासी समाज को ईसाई तो कभी मुस्लमान के नाम से शोषण किया जा रहा है? क्या हम आदिवासी कही बाहर देश से आये है? आज बाहर से आए लोग हमे धर्म और जाति के नाम पर शोषण करते है क्योंकि आदिवासियों की राजनितिक भागीदारी न होने के कारण देश में ऐसा हो रहा है या कोई साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है, आगे कुछ वक्ताओं ने कहा की ये देश हम मूलवासी आदिवासियों का है, अगर ऐसे ही धर्म के नाम पर ऐसे ही शोषण होता रहा तो देश में आगे की लड़ाई हम आदिवासी समाज एक साथ होकर संविधान विरोधी ताकतों के साथ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जाएगी।

ईसाई समुदाय के कार्यकर्ताओं ने कहा देश संविधान से चलता है ना की किसी के एजेंडे से
Pankaj Tirkey(पंकज तिर्की)

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