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झारखंडी भाषा संघर्ष समिति (JBKSS) एवं झारखंडी लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के प्रमुख जयराम कुमार महतो (टाईगर) ने आगामी झारखंड के विधानसभा चुनाव में 55 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारने की घोषणा कर दिया है लेकिन अभी तक JBKSS/JLKM ने अपने सीटों व उम्मीदवारों की अधिकारिक घोषणा नहीं की है।
JBKSS/JLKM ने पिछले लोकसभा चुनाव में 8 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारा था जिनमें, गिरिडीह से जयराम कुमार महतो, धनबाद से अखलाक अंसारी, रांची से देवेंद्र नाथ महतो, हजारीबाग से संजय कुमार मेहता, कोडरमा से मनोज यादव, दुमका से बेबी लता टुडू, सिंहभूम से दामोदर सिंह हांसदा, चतरा से दीपक गुप्ता शामिल है।
इन 8 लोकसभा सीटों में कुल 46 विधानसभा की सीटें है, हालांकि अभी JBKSS/JLKM ने कुल 55 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
कौन हो सकते हैं विधानसभा के अल्पसंख्यक/पसमांदा समुदाय से संभावित प्रत्याशी
पसमांदा कार्यकर्त्ता, राजनीतिक विश्लेषक एवं जयराम महतो और JBKSS/JLKM पर बारीकी से नज़र रखने वाले कॉमरेड रज़ाउल हक़ अंसारी ने बताया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में JBKSS/JLKM ने सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की थी लेकिन JBKSS/JLKM ने पिछले लोकसभा चुनाव में किसी अनूसूचित जाति (scheduled caste) से किसी को उम्मीदवार नहीं बनाया था। लेकिन इस बार JBKSS/JLKM अनूसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षित सीटों पर कई प्रत्याशियों को उतारने की योजना बना रही है।
अल्पसंख्यक और पसमांदा मुस्लिम वर्गों को भी उचित नुमाइंदगी मिलने जा रही है। जब हमने रज़ाउल हक़ अंसारी से सवाल पूछा? कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में धनबाद लोकसभा से इकलाख अंसारी को उम्मीदवार बनाया था, इस बार कितने अल्पसंख्यक एवं पसमांदा को उम्मीदवार बनाया जाएगा तो उन्होंने जवाब दिया कि इसबार लगभग 10-14 विधानसभा सीटों पर अल्पसंख्यक/पसमांदा समुदाय के उम्मीदवार हो सकते है।
कौन – कौन विधानसभा की सीटें हो सकती है
साथ ही अंसारी ने बताया कि परिस्थिति अनुसार 55 से 60 सीटों पर JBKSS/JLKM के प्रत्याशियों को बढ़ाया जा सकता है। जब हमने पूछा कि वो कौन – कौन विधानसभा की सीटें हो सकती है जिनपर अल्पसंख्यक/ पसमांदा समुदाय के उम्मीदवार खड़ा हो सकते है तो अंसारी ने उन सीटों की लिस्ट बताई इनमें संथाल से सारठ, मधुपुर, पाकुड़, राजमहल, महागामा, जामताड़ा, उतरी छोटानागपुर से बोकारो, राजधनवार, बाघमारा, सिंदरी, गांडेय, मांडू, दक्षिणी छोटानगपुर से हटिया, रांची सदर, ईत्यादि।
जब हमने अल्पसंख्यक/पसमांदा समुदाय के उम्मीदवारों के नाम के बारे में पूछा तो अंसारी ने कई नाम बताएं, इनमें से अनवर अंसारी, फर्जान खान, अज़हर अंसारी, सरफुद्दीन अंसारी (सैफ), रिज़वान क्रांतिकारी उर्फ़ अकील अख्तर, फैयाज़ अहमद अंसारी, शाबीर अंसारी, अकबर अंसारी, सलाउद्दीन अंसारी, आजाद हुसैन अंसारी, परवेज़ अंसारी, सुभान अंसारी इत्यादि संभावित प्रत्याशी हो सकते हैं।
टीम वाह वाह यार डॉट कॉम ने जब रज़ाउल हक़ अंसारी से पूछा क्या आप JBKSS/JLKM से चुनाव लड़ना पसंद करेंगे? तो उन्होंने बताया कि वो अब तक पसमांदा कार्यकर्त्ता के रूप में वंचित पसमांदा वर्गों के लिए काम करते आ रहे हैं, वे पहले चुनावी राजनीति से दूर रहना चाहते थे, लेकिन अब झारखंड राज्य की ऐसी परिस्थिति बन चुकी है और पसमांदा समुदाय के हित से देखा जाए तो उन्हें चुनाव लड़ना ही चाहिए।
आगे सवाल किया आप किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं? तो उन्होंने जवाब दिया कि वे सारठ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं और इसी विधानसभा के ठाड़ी ग्राम में उनका पैतृक आवास है इसलिए उनका पहली प्राथमिकता सारठ विधानसभा क्षेत्र ही है साथ ही उन्होंने कहा कि सारठ विधानसभा क्षेत्र झारखंड आंदोलनकारी मरहूम प्रोफ़ेसर अबू तालिब अंसारी की भूमि रही है जो उनके आदर्श भी है, प्रोफ़ेसर अबू तालिब अंसारी कई बार सारठ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वे कभी चुनाव नहीं जीत सके इस बात का उन्हें दुःख है,
झारखंड राज्य आंदोलन में प्रोफ़ेसर अबू तालिब अंसारी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने ये भी कहा कि सारठ विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक समीकरण भी उनके पक्ष में है। अगर वे सारठ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं तो JBKSS/JLKM पार्टी के संगठन को काफ़ी मजबूती मिलेगी, इसका असर संथाल परगना के कई क्षेत्रों में होगी और अल्पसंख्यक/ पसमांदा समुदाय का जोर पार्टी की ओर पकड़ेगा।
अंत में श्री अंसारी ने कहा कि जैसे JBKSS/JLKM पार्टी को विधानसभा चुनाव तक अगर चुनाव सिंबल मिल जायेगा तो इसका भी पार्टी को फ़ायदा मिलेगा और उम्मीदवारों को निर्दलीय लड़ने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने ये भी कहा JBKSS/JLKM पार्टी अभी अपने सभी संभावित प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है और जल्द ही उम्मीदवारों के नाम को फाइनल कर दिया जाएगा।
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