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अंसारी समाज को अगर कोई दल इस बार अनदेखा करती है तो सारे दलों का होगा बहिष्कार।
Jharkhand: देश में होने वाले आम चुनाव को लेकर राजनितिक दलों में टिकट का बटवारा शुरू कर दिया है, देखा जाए तो कोई भी दल हो पूरब से लेकर पक्षिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक जातीय और सामाजिक समीकरण को साधने और सभी जाति को खुश करने कि कोशिश हो रही है। टिकट बटवारे की बात करे तो झारखंड में अंसारी (जोल्हा) समाज में सभी पार्टी को लेकर नाराजगी और एक असंतोष का आलम बना हुआ है।
देखा जाए तो झारखंड में NDA के द्वारा 14 लोकसभा सीट के लिए घोषित उम्मीदवारों की सूची में अंसारी समाज का प्रतिनिधित्व शून्य है। ऐसे भी बीजेपी को जोल्हा बिरादरी न के बराबर वोट करती है लेकिन NDA गठबंधन के आजसू को कुछ प्रतिशत वोट जाता है।
लेकिन अंसारी बिरादरी कि बहुसंख्यक आबादी JMM+Congress+RJD+CPI(ML) को वोट करती है जो अभी INDIA गठबंधन के नाम से संगठित है। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि INDIA गठबंधन भी अंसारी (जोल्हा) समाज को इनकी आबादी अनुसार हिस्सेदारी नहीं देने वाली है।
अब झारखंडी भाषा-खतियानी संघर्ष समिति (JBKSS) के अध्यक्ष जयराम कु. महतो अपनी राजनितिक दल लेकर आई है जिसका नाम झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) है। जिससे झारखंड के युवायों में बदलाव की एक नई किरण जगी है और ये पार्टी युवाओं से भरा पड़ा है। लेकिन ये पार्टी और जयराम कु. महतो हमेशा जातीय और सामाजिक न्याय कि बात करता है तो जोल्हा (अंसारी) समाज कह रहा है कि अगर झारखंड में अगर JBKSS (JLKM) यादव (अहीर), मेहता (कोइरी-कुशवाहा), आदिवासी, कुड़मी (महतो) और गुप्ता (तेली) यादि को टिकट दिया है तो जोल्हा समाज को क्यों नहीं ? क्योंकि झारखंड में सारे पिछड़े समाज की जातियों में जोल्हा (अंसारी) की आबादी सबसे ज्यादा है। अगर जोल्हा समाज को ये नई पार्टी भी अगर सामाजिक न्याय और हिस्सेदारी से वंचित करती है तो अंसारी समाज JLKM का भी बहिष्कार करेगा। क्योंकि अंसारियोंं की जनसंख्या कोडरमा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग और राजमहल लोकसभा से सबसे अधिक है, जयराम कु. महतो को गिरिडीह लोकसभा से अगर जीतना है तो झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) जोल्हा (अंसारी) समाज के प्रत्याशी को धनबाद या गोड्डा या रांची लोकसभा से उम्मीदवार बनाए। ताकि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के परती अंसारी समाज में एक भरोसा कायम हो, जिससे जयराम कु. महतो और JLKM को अपना वोट देने में असहाय महसूस न हो।
JLKM (जयराम कु. महतो) को अगर झारखंड में दबदबा कायम करना है तो इस लोकसभा और विधानसभा में झारखंड के आदिवासी – मूलवासी – पिछड़ा – दलित – पसमांदा ईत्यादि सभी वर्गों का ख्याल रखना होगा और सभी जाति को राजनितिक हिस्सेदारी आबादी अनुसार देनी होगी। क्योंकि गिरिडीह, गोड्डा, कोडरमा, हजारीबाग, रांची, लोहरदग्गा और राजमहल लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिमों की आबादी चुनाव परिणाम में निर्णायक होते हैं। गिरिडीह, गोड्डा और कोडरमा लोकसभा में 20 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है और धनबाद में 16 प्रतिशत, हजारीबाग में 18 प्रतिशत और रांची में 15 प्रतिशत हैं वहीं राजमहल लोकसभा में 35 प्रतिशत से भी ज्यादा है।
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जोल्हा समाज के अंदर NDA और INDIA गठबंधन को लेकर काफी आक्रोश
जोल्हा (अंसारी) समाज के अंदर NDA और INDIA गठबंधन को लेकर काफी आक्रोश और असंतोष है। समाज के राजनितिक आगुवा लोग सोशल मीडिया और जगह जगह पर अपना विरोध जताने का काम कर रहे हैं। और समाज के कुछ बुद्धिजीवी का कहना है कि अंसारी समाज अब सामाजिक न्याय और राजनितिक हिस्सेदारी कि बात करेगा। 2024 लोकसभा और आगामी विधानसभा की रणनीति तैयार करने के लिए ईद के बाद एक आपात बैठक और जोल्हा महासभा की तैयारी चल रही है। इस बैठक में झारखंड में सभी दलों का बहिष्कार किया जायेगा और इस बैठक में सामाजिक न्याय और सत्ता में हिस्सेदारी की बात की जाएगी। समाज के अंदर NDA और INDIA गठबंधन को लेकर काफी आक्रोश है कि हमारा समाज NDA के कुछ दलों और INDIA गठबंधन के सारे दलों को सदियों से वोट देता आया है, लेकिन आज हमारे समाज से साथ ये दोहरा निति नहीं चलेगा। इस महासभा में ये निर्णय लिया जाएगा की जो दल हमारे समाज को धनबाद और गोड्डा लोकसभा में प्रत्याशी बनाती है तो हमारा समाज उस दल के साथ रहेगा।
राज्य में जोल्हा समाज की आबादी 45 लाख से ज्यादा है। अंसारी समाज के कुछ लोगों का कहना है कि वर्तमान स्थिति के लिए समाज के लोग ही खुद जिम्मेदार है क्योंकि हमारे लोग जिस भी दल के कार्यकर्त्ता है उसे अपने दल में हिस्सेदारी कि बात करनी चाहिए, अब इस विषय पर हमारा समाज में इसका आत्म चिंतन करने की जरूरत है।
अंसारी समाज त्याग, बलिदान, सेवा और शांत मिज़ाज़ के लिए जाना जाता है
झारखंड अलग राज्य आन्दोलन में अंसारी समाज से शहीद हुए शहीद अब्दुल वहाब अंसारी, शहीद कुतुबुद्दीन अंसारी, शहीद मुर्तुजा अंसारी, शहीद जुबैर अंसारी, शहीद सईद अंसारी इत्यादि झारखंडी क्रांतिकारियों को लोगों को भुला दिया गया. अगर इतने सारे क्रांतिकारी शहीद नहीं होते तो शायद झारखंड एरिया ऑटोनोमस काउंसिल (JAAC) का निर्माण 1995 में नहीं हुआ होता। जबकि अंसारी समाज के पास ठोस दस्तावेज मौजूद है, अंसारी समाज के लोगों का कहना है कि हमने बाकि आदिवासी, कुड़मी व अन्य मूलवासी झारखंडी की तरह बराबर की कुर्बानी दी है झारखंड अलग राज्य के लिए। लेकिन लगातार JMM, कांग्रेस, आजसू और माले के द्वारा अंसारी समाज को नजरंदाज़ किया जाता है इसलिए अब ये दोहरा चरित्र वाले पार्टी नहीं चलेगा।
50 लाख आबादी वाले समाज को राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री में सिर्फ एक प्रतिनिधि है।
लेकिन अब NDA और INDIA गठबंधन अंसारी समाज को लोकसभा में टिकट नहीं दे कर प्रतिनिधित्व को खारिज करने की कोशिश हो रही है। कुल मिलाकर NDA और INDIA गठबंघन के इस स्टैंड से झारखंड के अंसारी (जोल्हा) समाज में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। इस नाराजगी का आगामी लोकसभा में INDIA गठबंधन को करारा जवाब मिलेगा।
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मो. परवेज अंसारी गिरिडीह, झारखंड से है इन्होने NIT Jamshedpur से B.Tech (CSE) की पढाई पूरी की, वह 2018 से जाति-विरोधी, सामाजिक न्याय, विस्थापन, पूंजीपतियों द्वारा शोषण, शिक्षा का अधिकार, रोजगार और 1932 खतियान के आंदोलन से जुड़े एक सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता हैं।