शेयर करें
शेयर करें
Advertisement

झारखंड के पसमांदा मुसलमान कौन है?

WhatsApp Channel
WhatsApp Channel
Telegram Group
Telegram Group

झारखंड के पसमांदा मुसलमान कौन है? आज जानते है की झारखंड में कौन कौन से मुसलमानों के वर्ग है पसमांदा मुस्लिम?

Who are the Pasmanda Muslims of Jharkhand?
झारखंड के पसमांदा मुसलमान कौन हैं?

Jharkhand Updates: सबसे पहले बात करते है पसमांदा कौन मुसलमान होते है? मुसलमान या इस्लाम एक धर्म है नाकि की वर्ग।
मुस्लिम धर्म के मानने वाले लोग मुख्यत भारत में चार वर्गों में विभाजित है।

  1. पहले में आते है अशराफ़, अशराफ वे मुसलमान है जिनका संबंध मूल अरब तुर्क या विदेशो से है या वे मुस्लिम जो हिन्दुओ की उच्च जातियों से धर्मान्तरित हुए है जेसे सैय्यद, शेख, मुग़ल, पठान, राजपूत मुस्लिम या रांगढ़, गौड़ या गाड़े मुस्लिम इत्यादि।
  2. दुसरे में आते है अज्लाफ़, अज्लाफ़ वे मुसलमान है जिनका संबंध पिछड़े या निम्न जातियों से है इन्हें शूद्र भी कहा जाता है जेसे जुलाहे या अंसारी, धुनिया या मंसूरी, कसाई या कुरैशी, कुंजड़े या राईन, दर्जी या इदरीसी इत्यादि।
  3. तीसरे में आते है अर्जाल, अर्जाल वे मुसलमान है जिनका संबंध अछूतों से है या दलितों के बराबर है जेसे मेहतर या हलालखोर, धोबी या हवारी, नट, पमरिया, बक्खो, भटियारा इत्यादि।
  4. चौथे में आते है आदिवासी मुस्लिम वे मुसलमान जो अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते है जेसे वन गुज्जर, बकरवाल भील मुस्लिम इत्यादि।

अब बात करते है झारखंड के पसमांदा मुस्लिमों के बारे में

झारखंड में लगभग 50 लाख मुस्लिम धर्म के मानने वाले लोग निवास करते है, जिनमे से लगभग 95% से अधिक मुस्लिम पसमांदा समाज के अंतर्गत आते है. कई जानकर बताते है की झारखंड के 90% मुसलमान तों सिर्फ जुलाहे, जोल्हा या अंसारी, मोमिन जाति के है।

जोल्हा या अंसारी का मूल पूर्वज कुडमी, सदान या आदिवासी से संबंध रहा है, संथाल परगना में अंसारियों को सोतर जोल्हा भी कहा जाता है।

यह जानकर आपको ताज्जुब होगी कि झारखंड राज्य की मांग सबसे पहले एक जोल्हा ने की थी जिसमें असमत अली अंसारी का नाम प्रमुख है जिन्होंने 1912 में ही अंग्रेज़ शाषक से अलग झारखंड की मांग की थी।

एक दुसरे जोल्हा जहूर अली अंसारी ने 1962 में आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा के साथ मिलकर जोल्हा-कोल्हा भाई भाई का नारा दिया था।

मोमिन आन्दोलन के नेता चाहे यासीन अंसारी हो या अब्दुर रज्जाक अंसारी खुले मंच में कहते थे हमारे पूर्वज आदिवासी थे।

झारखंड के पसमांदा मुसलमान कौन है?
मधु मंसूरी हंसमुख जी झारखंड के प्रसिद्ध गायक हैं। ये पसमांदा मुस्लिम समाज से है, उन्होंने कई झारखंडी नागपुरी गीत लिखे और गाये है। झारखंड के अलग राज्य के आंदोलन के समय उन्होंने कई गीत लिखा और गया। झारखंड सरकार ने 2011 में उनहें झारखंड रत्न का सम्मान दीया। 2020 को भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा।

पद्श्री विजेता मधु मंसूरी हंसमुख भी अपने पूर्वज आदिवासी के उराँव जनजाति से बताते है। उनका गाया प्रसिद्ध गीत “गांव छोड़ब नाहीं, जंगल छोड़ब नाहीं, माई-माटी छोड़ब नाहीं” झारखंड के किसी भी आंदोलन में नारे की तरह इस्तेमाल होता है।

झारखंड में पसमांदा मुसलमानों की एक बिरादरी हैं, नाम है जादोपटिया, जो हस्तशिल्प व हस्तकरघा के माहिर है ये लोग वस्त्रों पर वर्क, पेंटिंग, और मिट्टी, कांसा, मोम, पीतल इत्यादि के सजावट के समान बनाते है, यह इनका पुश्तैनी पैसा है।

झारखंड के पसमांदा मुसलमानों की जातियां कैन कैन से है?

झारखंड के पसमांदा मुसलमानों की जातियां, मोमिन जोल्हा अंसारी, कसाई कुरैशी, कलाल इराकी, दर्जी इदरीसी, धुनिया मंसूरी, भाट फ़क़ीर, चुड़ीहार, कुंजड़ा राईन, सिकल्गर, चिक, साईं, रंगरेज़, पमरिया, नालबंद, मेहतर, हलालखोर, लालबेगी, भंगी, मदारी, डफाली, भठियारा, बक्खो, मिरासिन।


जीवन उद्धरन: 100+ Motivational Quotes Hindi for Success {Selected}


अब बात करते है पसमांदा मुसलमानों के झारखंड में राजनितिक प्रतिनिधित्व पर

झारखंड में लगभग 50 लाख मुसलमानों की आबादी है करीब राज्य के कुल जनसख्या का 18 फीसदी, इनमें से 95 फीसदी मुसलमान पसमांदा समाज से आते है। कुल मुसलमानों का 90 फीसदी आबादी जोल्हा मोमिन अंसारी जाति की है, जो पसमांदा समाज से आते है।

झारखंड के अब तक मुस्लिम विधायक, फुरकान अंसारी (जाति- जुलाहा, मोमिन) जामताड़ा, हुसैन अंसारी (जाति- जुलाहा, मोमिन) मधुपुर, इजराइल अंसारी (जुलाहा- मोमिन) बोकारो, मन्नान मल्लिक (जाति- सैय्यद) धनबाद, सरफ़राज़ अहमद (जाति- सैय्यद ) गांडेय, आलमगीर आलम (जाति- शेख) पाकुड़, सबा अहमद (जाति सैय्यद) टुंडी , निजामुद्दीन अंसारी (जाति- जुलाहा, मोमिन), अकिल अख्तर (जाति- शेख) पाकुड़, हफिजुल हसन अंसारी (जाति- जुलाहा मोमिन अंसारी) मधुपुर, इरफ़ान अंसारी (जाति- जुलाहा मोमिन अंसारी)।

राज्य बनने के बाद सिर्फ एक सांसद बने है गोड्डा लोकसभा से फुरकान अंसारी साहब।

अंसारी बिरादरी के अलावा कोई भी पसमांदा बिरादरी को राजनितिक प्रतिनिधित्व करने का मौक़ा नहीं मिला है। यानि पसमांदा मुसलमानों में सिर्फ अंसारी बिरादरी ही विधानसभा, लोकसभा के दरवाज़े तक पहुँच सकी है। उच्च जाति के अशराफ़ मुसलमान की कुल मुस्लिम आबादी में 5 प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद उन्हें उनकी आबादी से चार गुणा प्रतिनिधित्व हासिल है।

ये भी पढ़े: Pasmanda Muslim के लिए आर एस एस और भाजपा के विचारों में परिवर्तन क्यों

आदिवासी का हिन्दुकरण, दलित पिछड़ो का भगवाकरण, और पसमांदा मुसलमानों का अशराफिकरण

आदिवासी प्राकृतिक पूजक होते है वे सरना धर्म का अनुसरण करते है, लेकिन झारखंड में आदिवासी क्रिस्चियन भी है हिन्दू भी है। आरएसएस भाजपा आदिवासियों को हिन्दू मानती है, और इसी रूप में उसे गोलबंद करने की कोशिश करते है जैसे बाकि दलित पिछड़ो को गोलबंद करते है और आरएसएस के इस काम करने में बाधा उत्पन्न करते है क्रिस्चियन मिशनरी, झारखंड में लगभग 14 प्रतिशत आदिवासी क्रिस्चियन धर्म के अनुयायी है. आदिवासियों में सबसे पढ़े लिखे तबके क्रिस्चियन समुदाय से ही आते है।

दलित पिछड़ो को हिंदुत्व के रंग में रंगने की कोशिश आरएसएस की पुरानी रणनीति है झारखंड में डॉ भीम राव आंबेडकर की विचारधारा और जाति विरोधी आन्दोलन उतनी प्रभावी नही है हाँ दलितों के आरक्षित चुनावी सीट होने के वजह से उनको प्रतिनिधित्व मिल जाती है लेकिन हाल के वर्षो में उनमे राजनितिक चेतना आई है और धीरे धीरे ही सही दलित आन्दोलन मजबूत हो रही है इनमे बामसेफ और भीम आर्मी की भूमिका अहम् है।

जबकि पिछड़े डॉ राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के विचारों को अपनाने से अभी दूर है, इस वजह से सामाजिक न्याय आन्दोलन अपनी जड़े नही जमा पाई है लेकिन कुड्मियों में राजनितिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना जबदरस्त आई है कुढ़मियों ने बिनोद बिहारी महतो को झारखंड में नायक के रूप में स्थापित किया है कुढ़मी भाषा और खतियान आन्दोलन से काफी गोलबंद हुए है और वे अब अनुसूचित जनजाति में शामिल होने की मांग सरकार से कर रहे है।

ये भी पढ़े: झारखंड में जिसकी जितनी आबादी उसको उतनी भागीदारी मिलना चाहिए: AIPMM अध्यक्ष डा. कलीम अंसारी

क्या मुसलमानों में भी जातिवाद है?

क्या मुसलमानों में भी जातिवाद है?

पसमांदा मुसलमानों का अशराफिकरण होने से वे अपने जड़ो से दूर हुए है, वे अपनी मूलवासी दलित पिछड़े पहचान को लेकर काफी असमंजस है आये दिनों पसमांदा मुसलमानों का मोब लिंचिंग होते रहता है,

ये एक बड़ी समस्या बनी है राज्य में, शहीद शेख भिखारी अंसारी के बाद आज तक पसमांदा मुसलमानों ने किसी दुसरे पसमांदा को नायक के रूप में स्थापित नही कर पाए है, मोमिन आन्दोलन ने एक समय में जुलाहों को राज्य में गोलबंद किया था और उन्हें मुल्क के बटवारे में पाकिस्तान जाने से रोका था. आज भी झारखंड में मोमिन कांफ्रेंस सक्रिय है इसके अलावा अंसारी महापंचायत और आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ भी पसमांदा मुस्लिमों के लिए काम कर रही है. मरहूम अब्दुर रज्जाक अंसारी से जब किसी पत्रकार ने पूछा था कि आप सिर्फ मोमिन जुलाहों अंसारी की बात क्यों करते है? तो अंसारी साहब ने उस वक्त जवाब दिया था कि छोटानागपुर में अंसारियो की आबादी मुसलमानों में सत्तर प्रतिशत से ज्यादा है है जो गरीब, पीड़ित व शोषित है अगर इन्हें अधिकार मिल गया तो बाकि मुसलमानों को भी अधिकार अपने आप मिल जाएगी।

क्यों झारखंड में पसमांदा समुदाय के युवा काफी संख्या में भाषा खतियान आन्दोलन में हिस्सा ले रहे है?

Jharkhand Pasmanda Muslim

आज झारखंड में पसमांदा समुदाय के युवा काफी संख्या में भाषा खतियान आन्दोलन में हिस्सा ले रहे है और वे अपने हक व अधिकार की बात कर रहे है क्रांतिकारी रिजवान अंसारी,मो परवेज अंसारी, शब्बीर अंसारी, सिकंदर अली अंसारी, सफी इमाम, शहजादा अंसारी इत्यादि युवा काफी सक्रिय है. रिजवान कहते ये हमारे पुरखों का झारखंड है हमको यही जीना है यही मरना है. वही परवेज अंसारी कहते है झारखंड का इतिहास जंगल जमींन भाषा संस्कृति केवल गर्व करने की वस्तु नही है इन्हें संरक्षित रखना हमारा उत्तरदायित्व भी है।

पसमांदा कार्यकर्त्ता व भाषा खतियान आन्दोलन को करीब से नजर रखने वाले रज़ाउल हक अंसारी कहते है हमारी मातृभाषा भाषा उर्दू नहीं बल्कि खोरठा है जो हमने अपने माँ से सीखा है इसे केसे छोड़ सकते है?

खतियान आन्दोलन अभी झांकी है ग्रेटर झारखंड बनाना अभी बाकि है, अगर इरफ़ान अंसारी, हफीजुल अंसारी खतियान 1932 आधारित स्थानीय नीति, नियोजन निति, उद्योग व शिक्षा निति लागू करने के पक्ष में नहीं है तो हम उनका भी विरोध करेंगे। दोनों पसमांदा समाज के अंसारी बिरादरी से आते हैं जो झारखंड में मुसलमानों की सबसे बड़ी बिरादरी है। सिर्फ़ अंसारी होने के वज़ह से हम उनका समर्थन नहीं कर सकते। इस के लिए पसमांदा/आदिवासी/दलित-बहुजन के जरूरी मुद्दों पर समर्थन व झारखंडियत हित के लिए पूर्ण समर्पण आवश्यक है।

ये भी पढ़े:


Note: झारखंड के जिले में होने वाली छोटी-बड़ी घटनाएं जैसे भ्रष्टाचार, अपराध, शोषण, राजनितिक लेख या तर्क और आकर्षक खबर हेतु संपर्क करें या Guest Posting करना हो, तो संपर्क करे! आपके नाम से प्रकाशित होगा!
👇👇👇👇👇
📲 6513594752


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वाह वाह यार
  • All Posts
  • Adiwasi
  • Biography
  • Diwas
  • Facts
  • Food
  • Healthy Eating
  • Hindi Quotes
  • Hindi Shayari
  • Hindi Thoughts
  • Jharkhand News
  • Jharkhand Updates
  • Lifestyle
  • National News
  • Pasmanda Muslim
  • Politics
  • Power of Positive Think
  • Sports News
  • Success Tips
  • Trending
  • Twitter Updates
  • World News
    •   Back
    • Ranchi
    • Giridih
    • Bokaro
    • Chatra
    • Deoghar
    • West Singhbhum
    • Dhanbad
    • Dumka
    • East Singhbhum
    • Garhwa
    • Gumla
    • Hazaribagh
    • Jamtara
    • Khunti
    • Kodarma
    • Latehar
    • Lohardaga
    • Pakur
    • Palamu
    • Ramgarh
    • Sahibganj
    • Saraikela Kharsawan
    • Simdega
    • Godda
    •   Back
    • Inspirational Quotes
    • Love Quotes
    • Life Quotes
    • Motivational Quotes
    • Funny Quotes
    • Positive Quotes
    • Work Quotes
    • Famous Quotes
    • Movie Quotes
    • Book Quotes
    • Suvichar
    • Education Quotes
    • Quotes of The Day
    •   Back
    • Quotes of The Day
Older PostsNewer Posts
Advertisement

दिन की सही शुरुआत के लिए ‘वाह वाह यार (Wah Wah Yar)’ वेबसाइट पर लेटेस्ट हिंदी मोटिवेशनल कोट्स, हिंदी कोट्स, और हिंदी शायरी का संग्रह प्राप्त करें।

Home

About Us

Advertise Us

Privacy Policy

Term and Conditions

FAQ

Hindi Quotes

Hindi Thoughts

Krantikari Quotes

Hindi Shayari

Hindi Suvichar

100 Motivational Quotes

Problem in Life Quotes

Life Changing Quotes

Author Quotes

Ambedkar Quotes

Karl Marx Quotes

APJ Abdul Kalam Quotes​

Bhagat Singh Quotes​

Mahatma Gandhi Quotes​

Rabindranath Tagore Quotes​

Swami Vivekanand Quotes

© 2024 वाह वाह यार (Wah Wah Yar).