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9 और 10 सितंबर को भारत में G20 सम्मेलन (G20 Sammelan) का महा आयोजन होना है. जाने इस आर्जीटिकल में-20 के बारे में जानिए सारी अहम बातें…
G20 New Delhi Summit 2023: आपके मन में जरुर कुछ सवाल आ रहे होंगे कि आखिर ये G20 क्या है? आखिर ये G-20 काम कैसे करता है ? भारत के देशवासियों को इसके होने के बाद क्या फायदा होगा? कितना ताक़तवर ग्रुप है जी-20? फायदा होगा भी या सिर्फ मिलने – जुलने का एक मंच है? अध्यक्षता कैसे मिलती है जी 20 की ? जी20 की बैठक से हमारे देश को क्या फ़ायदा होगा? आपके सभी सवालों के जवाब वाह वाह यार के इस आर्टिकल से जाने
जी 20 शिखर सम्मेलन 2023 (G20 Sammelan)
G-20 की 18वीं समिट इस साल भारत में 9 और 10 सितंबर को G20 के सम्मेलन का महा आयोजन होने जा रही है। इस साल भारत पहली बार G-20 की मेजबानी कर रहा है। इसके लिए भारत काफी जोर-शोर से तैयारियां की है। दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 80% से ज्यादा ग्लोबल इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व अकेले जी-20 करता है जिसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है जिसके कारण भारत दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
G20 क्या है और क्यों बनाया गया था? What is G20 Summit 2023 in Hindi
ये 20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का सबसे बड़ा मंच है। जब एशिया में फाइनैंशल क्राइसिस का हाहाकार मजा तो 1999 में इसका गठन हुआ। इसी साल 1999 जर्मनी में G-A देशों की बैठक हुई। इसमें एशिया के आर्थिक संकट को देखते हुए दुनिया के 20 शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाले देशों को एक मंच पर लाने का फैसला किया गया और यहीं से शुरुआत हुई जी 20 की। तब तमाम देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने मिलकर एक फोरम बनाने की सोची, जहाँ पर ग्लोबल इकनॉमिक और फाइनैंशियल मुद्दों पर चर्चा की जा सके. यह एक मंच है। वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा का में अब तक कुल 17 जी 20 सबमिट हो चूके हैं यानी इस बार 18वीं समिट हैं जो दिल्ली में हो रही है।
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अध्यक्षता भारत कर रहा है। और अध्यक्ष हैं पीएम मोदी।
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर इसकी अध्यक्षता से भारत के देशवासियों को इसके होने के बाद क्या फायदा होगा? इसे ऐसे समझिए भारत पहली बार इस का अध्यक्ष बना है। पूरी दुनिया की नजरें भारत पर है। ऐसे में देश की छवि के लिए ये बेहद अहम है।
आइए जानते हैं कि जी-20 में कौन कौन से देश हैं?
सबसे पहले जानते हैं जी 20 एक मंच है, जी 20 यानी ग्रुप ऑफ 20। इसका गठन 1999 में हुआ था। इसमें भारत, अमेरिका, चीन, जापान सहित ये 20 देश शामिल हैं।
G 20 Me Kitne Desh Hai (G-20 Countries Name)
भारत, अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, द. अफ्रीका, तुर्किए, मैक्सिको, कोरिया गणराज्य, अर्जेटिना और यूरोपीय संघ।
बांग्लादेश, मिस्र और कई देशों और संगठनों को भी आमंत्रित किया है
आईये जानते है 20 सदस्य देशों के अलावा भी कई अन्य देशों को भी G-20 के लिए आमंत्रित किया जाता है। भारत ने G-20 कि अध्यक्षता करते हुए 9 देशों को इस साल आमंत्रित किया है। ये देश हैं- बांग्लादेश, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, मिस्र, सिंगापुर, मॉरिशस, ओमान, यूएई और स्पेन। इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस, वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड, वर्ल्ड ट्रेड ऑरगेनाइजेशन, वर्ल्ड हेल्थ ऑरगेनाइजेशन जैसे संगठन को भी G20 में सामिल होने के लिए आमंत्रित किए जाते हैं।
जी20 की बैठक से दुनिया को क्या फ़ायदा?
ये 20 देशों की दुनिया की कुल आबादी में 60% और जीडीपी में 80% और कुल ग्लोबल ट्रेड में 75% हिस्सेदारी है। यानी इन्हीं के दम पर दुनिया चलती है। ये 20 के समझौते और डिसिशन का कोई कानूनी प्रभाव तो नहीं होता, लेकिन इसका देश की नीतियों और वैश्विक सहयोग पर काफी असर पड़ता है।
इस ग्रुप का फोकस अर्थव्यवस्था के साथ अन्य मुद्दों पर है
भारत में जश्न का माहोल है इस बैठक में 16 प्राथमिकताएं तय की है। ये सभी मुद्दे कहीं न कहीं देश के आम लोगों से जुड़ी है। खाद्य पदार्थों की कीमतें हो यह शिक्षा, रोजगार जैसे क्षेत्र इन सभी में G-20 की अहम भूमिका है।
एशिया में 1999 के बाद दुबारा 2007 में पूरी दुनिया पर आर्थिक मंदी का साया मंडराने लगा था। इस कारण को देखते हुए जी-20 के लेवल को अर्थव्यवस्था से आम लोगों के मुद्दों को ऊपर उठाया गया। इसे वित्त मंत्रियों के लेवल से ऊपर उठाकर हेड ऑफ़ स्टेट के लेवल का बना दिया गया जिसके बाद इस बैठक में अब तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेने लगे।
इस तरह से G-20 की अब तक 17 बैठकें हो चुकी हैं. भारत इसकी 18वीं बैठक की अगुवाई कर रहा है।
वैसे तो G20 का फोकस अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना रहा है, लेकिन समय समय साथ इसका दायरा बढ़ता जा रहा है।
इसमें कुछ जन्मुद्दे सामिल हैं जैसे विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी जैसेआम मुद्दे भी समय के साथ जुड़ते चले गए।
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मो. परवेज अंसारी गिरिडीह, झारखंड से है इन्होने NIT Jamshedpur से B.Tech (CSE) की पढाई पूरी की, वह 2018 से जाति-विरोधी, सामाजिक न्याय, विस्थापन, पूंजीपतियों द्वारा शोषण, शिक्षा का अधिकार, रोजगार और 1932 खतियान के आंदोलन से जुड़े एक सामाजिक अधिकार कार्यकर्ता हैं।